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रहस्यमाई चश्मा भाग - 48








 उच्चशिक्षित था उंसे इतना तो पता ही था कि कर्दब भी सर्वे सर्वा नही है अतः उसने हवा में बात फेंगी बोला कर्दब जी हम मिल मॉलिक तो है नही हम भी ठहरे मजदूर आम मजदूरों एव मुझमें सिर्फ इतना ही अंतर है कि हमारे मजूदरी का तरीका दूसरा है कर्दब सिंद्धान्त कि बात सुनते ही बोला हम भी तो यही चाहते है सिंद्धान्त बाबू की आप भी मजदूर न रहे आपही मॉलिक हो सिंद्धान्त ने कहा कर्दब जी आप परिहास ना करे मैं कोई मूर्ख नही हूँ की आप जो भी कहे वह मैं सुनता रहूं मॉलिक मंगलम चौधरी जी मॉलिक है और वही रहेंगे,,,

 कर्दब बोला कि उनके बाद सिंद्धान्त का माथा ठनका उंसे लगा सामने बैठा लगभग अशिक्षित व्यक्ति कर्दब किसी खतरनाक षड्यंत्र का एक प्रमुख पात्र है जो कठपुतली की तरह नाच इसलिये रहा है कि सफलता के बाद महत्वपूर्ण बन जायेगा बावजूद वह मुख्य षड्यंत्र कर्ता नही है फिर भी पूरी तरह से अपने कार्य के लिए दक्ष एव प्रशिक्षित है सिंद्धान्त ने बहुत मजाकिया अंदाज में कर्दब से सवाल किया कर्दब जी आप दूसरों के लिए अपनी जान जोखिम में क्यो डाल डालते है,,,,

 कर्दब बोला सिंद्धान्त बाबू अंग्रेजो कि गुलामी से आजादी तो देश को मिल गयी लेकिन सामंतवाद जमीदारी प्रथा द्वारा गरीब ग्रामीणों का शोषण तो उद्योगपतियो द्वारा मजदूरों का शोषण हम लोग भारत मे सामाजिक आर्थिक समानता के लिए लड़ रहे है जहाँ ऊंच नीच बड़ा छोटा अमीर गरीब जैसी अछूत बीमारियों का नमो निशान ना हो सिंद्धान्त बोला आप ऐसा बदलाव लाने के लिए सर्व प्रथम स्वंय में बदलाव लाये जिन मिल मजदूरों कि रोजी रोटी चल रही है,,,

उसमें बरक्कत हो ऐसा कुछ करे अपने मजदूरों में ऐसा सन्देस दे कि गुणवत्ता पूर्ण अधिक से अधिक उत्पादन हो जिससे उनके हित एव कल्यारार्थ मिल मॉलिक प्रसन्नता के साथ नई योजनाओं का शुभारंभ कर सके जैसे मजदूर के बच्चों की शिक्षा स्वास्थ एव उनके भविष्य को बेहतरीन बनाने वाली योजनाएं आपकी सामाजिक लड़ाई तो चल रही मिलो को बंद करने हेतु विवश कर देंगे मजदूरों को जो मिल रहा है वह भी बंद हो जाएगा क्या तब आप मजदूरों के विषय मे कुछ करेंगे जब भूखों परिवार सहित तिल तिल तड़फ कर मरेंगे सिंद्धान्त बोला कि यदि मैं स्वंय भी मिल मॉलिक होता तब भी आपकी बेवजह नाजायज मांगो को स्वीकार करने कि बात तो दूर सुनता तक नही कर्दब लगभग उछलते हुए अंदाज़ में बोला सिंद्धान्त बाबू मैं भी तो यही चाहता हूँ कि आप ही मंगलम चौधरी समूह के मॉलिक हो जाए,,,,,

सिंद्धान्त ने क्रोध में खीजते एव चिल्लाते हुए कहा कर्दब जी आप हमारा बार बार यह कह कर परिहास उड़ा रहे है कि मैं मंगलम चौधरी समूह का मॉलिक बन जाएं आप मुझे ऐसा भौंडा मजाक करके अपमानित कर रहे है जो सुनना तक गुनाह है कर्दब सिंद्धान्त के अंदर सुलग रही चिंगारी की गर्मी को उसकी बातों से बहुत स्पष्ट महसूस कर रहा था बोला सिंद्धान्त बाबू परिहास क्यो किस लिए किस कारण से आपको लगता नही की मंगलम चौधरी अविवाहित है और स्वंय भी अपने माता पिता की इकलौती संतान है,,,

उनके बाद आपने सोचा है कौन होगा चौधरी समूह का मॉलिक पुनः कर्दब बोला सिंद्धान्त बाबू वैसे तो हम सभी मंगलम चौधरी जी कि लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करते है लेकिन क्या भरोसा खुदा ना खस्ता यदि कोई आकस्मिक घटना घट गई और चौधरी साहब नही रहे तो उनके इतने बड़े साम्राज्य की देख रेख कौन करेगा ? सिंद्धान्त को लगा यह अनपढ़ गवार सा दिखने में भी अपराधी कि तरह लेकिन सोच में किंतनी परिपक्वता एव दूरदृष्टि है,,,

सिद्धांत बोला उसकी चिंता करना तुम्हारा काम नही है तुम जिस कार्य के लिए आये हो सिर्फ उससे सम्बंधित ही बात करो यह जिम्मेदारी मंगलम चौधरी जी का है कर्दब बोला यही तो अरे सिंद्धान्त बाबू जिंदगी का कोई भरोसा नही कल को मंगलम चौधरी मर मरा गए तो क्या होगा मिलो का मिल मजदूरों का फिर हम मिल इसीलिये तो हम मिलो में मजदूरों को हिस्सेदार बनाने कि मांग कर रहे है ताकि किसी भी स्थिति में मजदूर मिल को अपना समझे और चलाये और सिंद्धान्त जी यदि आप अभी से मालिकाना निर्णय नही ले सकने में सक्षम होंगे तब भविष्य में क्या कर सकेंगे कम से कम मंगलम चौधरी ने आपको पाला है अपना नाम दिया है और जिम्मेदारिया रुतबा सब कुछ तो दिया है तो भविष्य में क्या लगता है,,,,

 आपको मंगलम चौधरीं के बाद कोई आसमान से टपक आएगा मंगलम चौधरी का वारिस बनकर कर्दब बोला मीमांशा को मंगलम अपने चौधरी खानदान कि बहु मानते है इतना सुनते ही सिंद्धान्त का माथा ठनका उसको तो कर्दब के विषय मे सिर्फ इतना ही मालूम था कि वह मजदूरों द्वारा मिल प्रबंधन से वार्ता के लिए अधिकृत मजदूरों का विश्वसनीय है इसके अतिरिक्त उंसे कुछ भी नही मालूम था जबकि कर्दब को सिंद्धान्त के विषय मे आद्योपान्त जानकारियां उपलब्ध थी सिंद्धान्त बोला कर्दब जी आप तो मेरे भी घर पहुंच गए बड़ी गहरी पैठ है,,,,,

 आपकी आप तो बहुत पहुंचे हुए व्यक्ति लगते है मैंने तो सिर्फ मिल मजदूरों कि समस्याओं के लिए आपको सादर आमंत्रित किया था आप तो मिल मिल मॉलिक मेरे सबके वर्तमान भविष्य कि खाता वही लेकर बैठे है आप वास्तव में कौन है बताने की कृपा करें क्योकि ना तो आपका मंगलम चौधरीं की मिलो में मजदूरों को मोहरा बनाकर रुचि दिखाना केवल सामाजिक समानता का संघर्ष नही हो सकता है कोई न कोई कुटिलता पूर्ण षडयंत्र ही हो सकता है,,,,

 सिंद्धान्त ने कर्दब पर इतना तेज शब्द वाण का प्रहार किया कि तिलमिला गया नत्थु को दिए गए वचन को याद करने लगा कि अपने सभी प्रमुख आदमियों से वचन लिया था कि यदि सिंद्धान्त के साथ किसी भी तरह कि विषम परिस्थिति आ जाये तो उसे यह वास्तविकता कोई नही बताएगा कि सिंद्धान्त नत्थु का अपना खून है यदि यह राज खुल गया तो स्प्ष्ट हो जाएगा कि हम लोग मजदूरों को मोहरा बना कर मंगलम चौधरी के साम्राज्य को हड़पना चाहते है ना कि कोई सामाजिक समानता की लड़ाई लड़ रहे है!


जारी है

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